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महाराष्ट्र“आज सपना पूरा हो गया”—CJI गवई ने कोल्हापुर सर्किट बेंच पर जताई खुशी, फडणवीस को किया याद

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“आज सपना पूरा हो गया”—CJI गवई ने कोल्हापुर सर्किट बेंच पर जताई खुशी, फडणवीस को किया याद

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Unknown Author
18 अगस्त 2025, 07:34 am IST
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मुंबई: सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बी आर गवई रविवार को कोल्हापुर में अलग अंदाज में दिखे। बॉम्बे हाई कोर्ट की नई सर्किट बेंच का शुभारंभ करने के मौके पर उन्होंने अपने पिछले सालों को याद किया। इसके मौके पर सीजेआई गवई ने कहा कि आज उनका सपना पूरा हो गया। उन्होंने अपनी बात को बढ़ाते हुए कहा कि आज हम सभी का सपना पूरा हुआ है। 40-45 साल पहले वकीलों ने एक सपना देखा था। 15 साल पहले मैं भी इस सपने का भागीदार था। 2014 में जब सीएम फडणवीस मुख्यमंत्री थे, तो वे भी इसका हिस्सा बने थे। आज वह सपना पूरा हुआ है। फडणवीस-शिंदे को नहीं जानते सीजेआई ने यह भी कहा कि यह गलत है। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि जब न्यायपालिका के बुनियादी ढांचे का सवाल आता है, तो इस मामले में महाराष्ट्र पीछे नहीं है। सीजेआई ने कहा कि जो लोग यह टिप्पणी करते हैं कि न्यायिक बुनियादी ढांचे के मामले में राज्य सरकार पिछड़ रही है, वे देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे के बारे में नहीं जानते। गवई ने कहा कि राज्य की सीमा पर स्थित दूरदराज के इलाकों में आम पक्षकारों को न्याय दिलाने के लिए कोल्हापुर बेंच का निर्माण किया जा रहा है। यह न्याय व्यवस्था वकीलों के लिए नहीं, बल्कि गरीबों के लिए उपलब्ध कराई जा रही है। शाहू महाराज के विचारों के अनुरूप यहां समान न्याय प्रदान करने की अपील करते हुए सर्किट बेंच का निर्माण किया गया है। सीजेआई ने मुख्यमंत्री फडणवीस और डिप्टी सीएम शिंदे की मौजूदगी में कोल्हापुर में सर्किट बेंच का उद्घाटन किया। गवई हैं इसके निर्माता: फडणवीस इस मौके पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश भूषण गवई इस पीठ के निर्माता हैं। बॉम्बे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश आलोक अराधे कोल्हापुर सर्किट बेंच को जल्द ही एक बेंच में बदलने के लिए प्रयास करने चाहिए। मुख्यमंत्री बुनियादी सुविधाओं के लिए तैयार हैं। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि सर्किट बेंच को नियमित बेंच में बदलने के लिए हाईकोर्ट को जल्द से जल्द जो भी आवश्यक है उसे पूरा करना चाहिए। गौरतलब हो कि कोल्हापुर में एक सर्किट बेंच की मांग लंबे समय से चल रही थी। कोल्हापुर और मुंबई की दूसरी काफी ज्यादा है। यहां के वकीलों को 380 किलोमीटर का सफर करे बॉम्बे हाईकोर्ट जाना पड़ता था। सर्किट बेंच के शुरू होने से लोगों और वकीलों को बड़ी राहत मिलेगी। महाराष्ट्र बॉम्बे हाईकोर्ट की प्रिसिंपल बेंच जहां मुंबई में है तो वहीं दो अन्य जगह पर बेंच है। इनमें नागपुर और औरंगाबाद शामिल हैं। बॉम्बे हाईकोर्ट की एक बेंच गाेवा में भी है।

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