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विदेशभारत के साथ बिगड़ते रिश्ते पर ट्रंप को निक्की हेली ने दिखाया आइना, कहा चीन से मुकाबला करने में काम आएगा ये देश

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भारत के साथ बिगड़ते रिश्ते पर ट्रंप को निक्की हेली ने दिखाया आइना, कहा चीन से मुकाबला करने में काम आएगा ये देश

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Unknown Author
21 अगस्त 2025, 03:30 am IST
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वाशिंगटन: अमेरिका की पूर्व राजदूत निक्की हेली ने एक लेख में चीन का मुकाबला करने के लिए भारत को मूल्यवान और लोकतांत्रिक साझेदार के रूप में मानने की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने कहा कि नई दिल्ली के साथ 25 वर्षों की गति को रोकना एक रणनीतिक आपदा होगी. चीन का मुकाबला करने के लिए भारत को मूल्यवान साझेदार बताया निक्की हेली ने भारत और चीन के बीच मजबूत साझेदारी को बिना सोचे समझे बताया और इस बात पर जोर दिया कि लोकतांत्रिक भारत कम्युनिस्ट नियंत्रित चीन के विपरीत विश्व के लिए खतरा नहीं है. भारत के साथ एक मूल्यवान और लोकतांत्रिक साझेदार की तरह व्यवहार किया जाना चाहिए न कि चीन जैसे प्रतिद्वंद्वी की तरह, जो मॉस्को के सबसे बड़े ग्राहकों में से एक होने के बावजूद अब तक रूसी तेल खरीद के लिए प्रतिबंधों से बचता रहा है. चीन के विपरीत भारत का उदय विश्व के लिए खतरा नहीं है निक्की हेली ने न्यूजवीक पर अपने विचार लेख में कहा, एशिया में चीनी प्रभुत्व का प्रतिकार करने वाले एकमात्र देश के साथ 25 साल की गति को रोकना एक रणनीतिक आपदा होगी. उन्होंने आगे कहा, कम्युनिस्ट नियंत्रित चीन के विपरीत, एक लोकतांत्रिक भारत का उदय विश्व के लिए खतरा नहीं है. चीन का मुकाबला करने के लिए अमेरिका और भारत के बीच साझेदारी एक स्पष्ट निर्णय होना चाहिए. भारत में चीन के समान बड़े पैमाने उत्पादन की क्षमता है जो अमेरिकी सप्लाई चेन में मदद कर सकता है निक्की हेली ने कहा कि भारत में चीन के समान बड़े पैमाने पर उत्पादन करने क्षमता है जो अमेरिकी सप्लाई चेन को बीजिंग से दूर ले जाने में मदद कर सकता है. निक्की हेली ने अपने लेख में कहा, अल्पावधि में भारत, अमेरिका को अपनी महत्वपूर्ण आपूर्ति श्रृंखलाओं को चीन से दूर ले जाने में मदद करने के लिए आवश्यक है. जहां ट्रंप प्रशासन विनिर्माण को हमारे तटों पर वापस लाने के लिए काम कर रहा है, वहीं भारत उन उत्पादों के लिए चीन जैसे पैमाने पर विनिर्माण करने की क्षमता के मामले में अकेला खड़ा है. भारत में कपड़ा, सस्ते फोन और सौर पैनल जैसे चीजों का उत्पादन शीघ्रता से या कुशलता से किया जा सकता जो अमेरिका में संभव नहीं है. मिडिल ईस्ट में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत की बढ़ती रक्षा क्षमताएं और मिडिल ईस्ट में उसकी भागीदारी इस क्षेत्र में स्थिरता के लिए आवश्यक हैं. उन्होंने आगे कहा, मिडिल ईस्ट में भारत का बढ़ता प्रभाव और सुरक्षा भागीदारी इस क्षेत्र को स्थिर करने में महत्वपूर्ण साबित हो सकती है, क्योंकि अमेरिका वहां कम सैनिक और डॉलर भेजना चाहता है. भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है निक्की हेली ने आगे कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है और बहुत जल्द ये जापान को भी पछाड़ देगा. उन्होंने कहा कि भारत का उदय वैश्विक व्यवस्था को नया आकार देने के चीन के लक्ष्य की राह में सबसे बड़ी बाधा है. उन्होंने आगे कहा, सीधे शब्दों में कहें तो भारत की शक्ति बढ़ने के साथ-साथ चीन की महत्वाकांक्षाएं भी कम होनी चाहिए. उन्होंने भारत के परस्पर विरोधी आर्थिक हितों और चीन के साथ चल रहे क्षेत्रीय विवादों पर भी प्रकाश डाला और 2020 में गलवान घाटी में हुई झड़प का उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि अमेरिका के साथ साझेदारी अमेरिका के हितों की पूर्ति करेगी और भारत को अपने तेजी से आक्रामक होते उत्तरी पड़ोसी के सामने आर्थिक और सैन्य दोनों रूप से खड़ा होने में मदद करेगी. भारत से व्हाइट हाउस के साथ मिलकर काम करने का आग्रह किया अपने विचार लेख में हेली ने कहा कि अमेरिका और भारत के बीच व्यापार विवाद को एक स्थायी दरार में बदलना एक बड़ी और रोकी जा सकने वाली गलती होगी. उन्होंने इस बात पर भी चिंता जताई कि चीन इस स्थिति का फायदा उठा रहा है. उन्होंने भारत को राय दीं हैं कि रूसी तेल को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के साथ बातचीत कर इसका हल निकालें. ट्रंप को प्रधानमंत्री मोदी से बातचीत करने का आग्रह किया पूर्व राजदूत ने ट्रंप से भी आग्रह किया कि वह बिगड़ते संबंधों को रोकें और प्रधानमंत्री मोदी से सीधी बातचीत करें. उन्होंने कहा, जितनी जल्दी हो सके, उतना अच्छा है. उन्होंने कहा, प्रशासन को भारत के साथ मतभेदों को दूर करने तथा संबंधों को उच्च स्तरीय ध्यान और संसाधन देने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए - जो अमेरिका चीन या इजरायल को देता है. चीन का सामना करने के लिए अमेरिका के पास भारत जैसा दोस्ता होना चाहिए उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका को सबसे महत्वपूर्ण बात, हमारे साझा लक्ष्यों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. चीन का सामना करने के लिए अमेरिका के पास भारत के रूप में एक मित्र होना चाहिए. यह कदम अमेरिका द्वारा भारतीय वस्तुओं पर 25 प्रतिशत का मूल्यानुसार शुल्क लगाए जाने के बाद उठाया गया है, तथा उसने 25 प्रतिशत का अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा की है जो 27 अगस्त से प्रभावी होगा, जिससे कुल शुल्क 50 प्रतिशत हो जाएगा.

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