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धर्म एवं ज्योतिषभगवान की मूर्ति रखने की सही दिशा कौनसी है? क्या W3 दिशा में रखने से कैसे रुक सकती है प्रगति?

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भगवान की मूर्ति रखने की सही दिशा कौनसी है? क्या W3 दिशा में रखने से कैसे रुक सकती है प्रगति?

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भगवान की मूर्ति रखने की सही दिशा कौनसी है? क्या W3 दिशा में रखने से कैसे रुक सकती है प्रगति?

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Peptech Time, Chhatarpur
31 अक्टूबर 2025, 04:12 pm IST
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घर का हर कोना कुछ न कुछ कहता है. कई बार हम सोचते हैं कि अगर कोई दिशा खाली है, तो वहां भगवान की मूर्ति रख दी जाए. खासतौर पर वेस्ट-थ्री (W3) यानी पश्चिम की तीसरी दिशा में, लेकिन क्या ये सही है? बहुत लोग कहते हैं “भगवान को रख दो, फिर कुछ नहीं करना पड़ेगा, वो खुद सब देख लेंगे.” लेकिन वास्तु शास्त्र ऐसा नहीं मानता. हर दिशा का एक असर होता है, और अगर आपने किसी जगह पर गलत तरीके से भगवान को रखा, तो वहां रुकावटें आ सकती हैं. इस लेख में हम बात करेंगे कि W3 दिशा में भगवान को रखना सही है या नहीं, और इससे जुड़ी खास बातें जो आपको जाननी चाहिए. इस बारे में बता रहे हैं

W3 दिशा क्या होती है?
W3 यानी पश्चिम दिशा का तीसरा भाग, जो मुख्य वेस्ट लाइन के करीब होता है. यह दिशा सामान्य तौर पर मूवमेंट और ठहराव से जुड़ी होती है. यहीं पर अगर कोई चीज़ लंबे समय तक रख दी जाए जैसे भगवान की मूर्ति तो वहां रुकावटें बनने लगती हैं. वास्तु के मुताबिक, W3 एक ऐसी जगह है जो चीजों को अटका देती है. यहां कोई भी चीज रख दो, वह वहीं की होकर रह जाती है. अब अगर आप भगवान को यहां बिठा देते हैं, तो सिर्फ आपकी श्रद्धा नहीं अटकती, बल्कि आपके जीवन में कई फैसले भी अटकने लगते हैं. लोग कोशिश करते रहते हैं, लेकिन बात नहीं बनती.
क्या होता है जब भगवान W3 में होते हैं?
जब आप भगवान की मूर्ति W3 में रखते हैं, तो ऐसा महसूस होता है जैसे कुछ चीज़ें रुक गई हैं. आप काम कर रहे हैं, मेहनत भी कर रहे हैं, लेकिन उसका रिजल्ट नहीं मिल रहा. यहां बैठा हुआ भगवान “स्थान” ले लेता है. वो हिलता नहीं, आगे नहीं बढ़ता और न ही आपको आगे बढ़ने देता है. आपके घर में एक तरह की रुकी हुई ऊर्जा बनने लगती है. कुछ लोगों को ऐसा लगता है जैसे कोई भी बात पूरी होने ही नहीं देती. यही वजह है कि वास्तु में इस जगह को पूजा के लिए सही नहीं माना गया है.

सही दिशा कौन-सी है?
अगर आप भगवान की मूर्ति या पूजा की जगह तय करना चाहते हैं, तो सबसे अच्छे विकल्प हैं:
1. ईशान कोण (North-East) – इसे सबसे शुभ दिशा माना जाता है पूजा-पाठ के लिए.
2. पूर्व (East) – यहां पर सूर्य की ऊर्जा सबसे पहले आती है, जो घर में पॉज़िटिव एनर्जी लाती है.
3. उत्तर (North) – इसे धन और तरक्की से जोड़कर देखा जाता है.
इन तीनों में से कोई भी दिशा चुन सकते हैं, बस ये ध्यान रखें कि भगवान का मुख आमतौर पर पश्चिम या दक्षिण की ओर न हो.

अगर गलती से W3 में रख दिया हो तो?
अगर आपने पहले से ही भगवान की मूर्ति W3 में रख दी है और अब पढ़कर समझ में आया है कि ये जगह ठीक नहीं है, तो घबराने की ज़रूरत नहीं है.
आप बस पूजा के स्थान को धीरे-धीरे शुभ दिशा में शिफ्ट करें. मूर्ति को हटाने से पहले एक दिन पूजा करें, उन्हें धन्यवाद दें, फिर उन्हें नई जगह रखें.


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