logo

ख़ास ख़बर
रायपुरछत्तीसगढ़ में 14 मंत्री शपथ ग्रहण, 3 नए विधायकों की किस्मत चमकी

ADVERTISEMENT

छत्तीसगढ़ में 14 मंत्री शपथ ग्रहण, 3 नए विधायकों की किस्मत चमकी

Post Media
News Logo
Peptech Time, Chhatarpur
21 अगस्त 2025, 03:40 am IST
Share on FacebookShare on WhatsAppShare on Twitter/X
Copy Link

Advertisement

रायपुर: अंबिकापुर जिले के लखनपुर निवासी राजेश अग्रवाल ने गांव के पंच से राजनैतिक जीवन की शुरुआत की थी। इसके बाद उप सरपंच, नगर पंचायत अध्यक्ष के बाद विधायक निर्वाचित हुए। इन्होंने विधानसभा चुनाव- 2023 में तत्कालीन उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव को पराजित किया था। इनकी पहचान एक सेवाभावी राजनेता की है। पिता स्व. चांदीराम अग्रवाल की भांति हर किसी के सुख-दुख में सहभागी होते हैं। सहज, सरल और आत्मीय भाव से परिपूर्ण राजेश अग्रवाल और उनका पूरा परिवार वनांचल क्षेत्रों में जरूरतमंद ग्रामीणों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहता है। इन्होंने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की दिशा में भी काम किया है। वर्ष 2014 में जब पहली बार नगर पंचायत लखनपुर के अध्यक्ष निर्वाचित हुए तो सामाजिक क्षेत्र में एक ऐसा निर्णय लिया, जिसने बालिका सुरक्षा और शिक्षा को आगे बढाने में मील का पत्थर साबित हुआ। नगर पंचायत क्षेत्र के ऐसे दंपती जिनके यहां बेटी का जन्म हुआ, उन्हें दो हजार रुपये प्रोत्साहन राशि देने की सेवाभावी सोच को वे आज भी मूर्तरूप दे रहे हैं। बेटी के जन्म पर वे आर्थिक सहायता राशि देते है। इनकी प्रारंभिक शिक्षा लखनपुर के शासकीय स्कूलों में हुई। सामाजिक और धार्मिक गतिविधियों में भी उनकी सक्रिय सहभागिता रहती है। ये विभिन्न सामाजिक संगठनों से भी जुड़े हुए हैं। वार्ड अध्यक्ष से विधायक और अब मंत्री बने गजेंद्र यादव दुर्ग के विद्युत नगर के एक छोटे से मकान में रहने वाले गजेंद्र यादव ने छात्र जीवन से ही राजनीति में कदम रख दिया था। वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के वरिष्ठ व पूर्व मुख्यमंत्री अरुण वोरा को हराकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी। वार्ड अध्यक्ष से शुरुआत करने वाले गजेंद्र यादव नगर निगम पार्षद, भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश सचिव और स्काउट गाइड के राज्य आयुक्त जैसे महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी संभाली है। गजेंद्र यादव का राजनीतिक सफर वर्ष 1996 में दुर्ग के साइंस कॉलेज से बीएससी की पढ़ाई के दौरान शुरू हुआ। उस समय वे दिवंगत सांसद ताराचंद साहू के लोकसभा चुनाव में भाजपा कार्यकर्ता के रूप में सक्रिय थे। उनकी सक्रियता को देखते हुए भाजपा ने वर्ष 1998 में उन्हें वार्ड अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी थी। वर्ष 1999 में भाजपा ने उन्हें दुर्ग नगर निगम चुनाव में कचहरी वार्ड से उम्मीदवार बनाया था। इन्हाेंने पांच बार के पार्षद और पूर्व उप महापौर खेमलाल सिन्हा को हराया था। पिता रहे हैं, आरएसएस के प्रांच प्रचारक गजेंद्र यादव के पिता बिसरा राम यादव राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रांत प्रचारक रहे। परिवार का मूल व्यवसाय कृषि है। उनके बड़े भाई नरेंद्र यादव दिसंबर 2004 से 2009 तक अहिवारा नगर पंचायत अध्यक्ष थे। वहीं, उनकी भाभी मंजूलता यादव वर्ष 2014 से 2019 तक अहिवारा नगर पंचायत अध्यक्ष रहीं और क्षेत्र की जनता की सेवा की। डहरिया को हराकर पहली बार विधायक बने खुशवंत अब मंत्री आरंग विधानसभा सीट से पहली बार विधायक बने गुरु खुशवंत साहेब को मंत्री पद की जिम्मेदारी मिली है। उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री शिव डहरिया को 16,538 मतों से हराकर मंत्रिमंडल में अपनी जगह बनाई। ग्राम भंडारपुरी धाम निवासी खुशवंत साहेब सतनामी समाज के धर्मगुरु बाल दास साहेब के पुत्र हैं। बाल दास पूर्व में कांग्रेस में थे, लेकिन 2023 में भाजपा में लौट आए। 36 वर्षीय खुशवंत साहेब अविवाहित हैं और उन्होंने मैट्स यूनिवर्सिटी, आरंग से वर्ष 2017 में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक और टर्बो मशीनरी में मास्टर डिग्री ली है। राजनीति में आने से पहले वे कृषि और ट्रांसपोर्ट व्यवसाय से जुड़े रहे। वे अखिल भारतीय सतनाम सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष और भंडारपुरी गद्दी के उत्तराधिकारी भी हैं।

Today In JP Cinema, Chhatarpur (M.P.)