logo

ख़ास ख़बर
राजनीतिचीन यात्रा से पहले सरकार को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए: असदुद्दीन ओवैसी

ADVERTISEMENT

चीन यात्रा से पहले सरकार को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए: असदुद्दीन ओवैसी

Post Media
News Logo
Unknown Author
19 अगस्त 2025, 02:31 am IST
Share on FacebookShare on WhatsAppShare on Twitter/X
Copy Link

Advertisement

नई दिल्ली: एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने रविवार को सरकार से आग्रह किया कि वह प्रधानमंत्री की आगामी शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन से पहले चीन पर अपने रुख को स्पष्ट करे. एक्स पर एक पोस्ट में ओवैसी ने कहा, चीन पर मोदी सरकार के यू-टर्न को लेकर कई सवाल हैं, जिनके जवाब दिए जाने चाहिए. प्रधानमंत्री की चीन यात्रा से पहले सरकार को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए. गौरतलब है कि चीन ने इस साल 31 अगस्त से 1 सितंबर तक एससीओ तियानजिन शिखर सम्मेलन के लिए प्रधानमंत्री मोदी का चीन में आने का स्वागत किया है. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने कहा, चीन एससीओ तियानजिन शिखर सम्मेलन के लिए प्रधानमंत्री मोदी का चीन में स्वागत करता है. हमारा मानना है कि सभी पक्षों के सम्मिलित प्रयास से तियानजिन शिखर सम्मेलन एकजुटता, मैत्री और सार्थक परिणामों का एक सम्मेलन होगा. साथ ही एससीओ अधिक एकजुटता, समन्वय और उत्पादकता के साथ उच्च गुणवत्ता वाले विकास के एक नए चरण में प्रवेश करेगा. एआईएमआईएम प्रमुख ने चीन द्वारा पाकिस्तान को दिए गए समर्थन पर गहरी चिंता व्यक्त की. ये समर्थन खासकर ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दिए गए. उन्होंने सवाल किया कि पाकिस्तान को हथियार और खुफिया जानकारी मुहैया कराने में कथित संलिप्तता के बावजूद भारत चीन के खिलाफ कड़ा रुख क्यों नहीं अपना रहा है. ओवैसी ने कहा, इसके अलावा चीन ने पाकिस्तान को हथियार और लड़ाकू विमान मुहैया कराए हैं, जिनका इस्तेमाल ऑपरेशन सिंदूर में हमारे बहादुर सैनिकों के खिलाफ किया गया. उसने पाकिस्तानी सेना को खुफिया जानकारी और सैटेलाइट इनपुट भी दिए. हम चीन के सामने यह मुद्दा क्यों नहीं उठा रहे कि यह अस्वीकार्य है? ओवैसी ने चीन की कार्रवाई की कड़ी निंदा न करने के लिए भारत सरकार की आलोचना की. विशेषकर तब जब बीजिंग ने दलाई लामा को शुभकामनाएं देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हुए एक बयान जारी किया. उन्होंने कहा, जब प्रधानमंत्री ने दलाई लामा को शुभकामनाएं दीं तो बीजिंग ने एक बयान जारी कर उनकी आलोचना की. हमारी सरकार इस पर चुप रही. क्यों? क्या यह हमारे राष्ट्रीय सम्मान और गरिमा का मामला नहीं है? चीन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दलाई लामा को उनके 90वें जन्मदिन पर बधाई देने तथा समारोह में भारतीय अधिकारियों की उपस्थिति पर भारत के समक्ष विरोध जताया है. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने बीजिंग में एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, तिब्बत से संबंधित मुद्दों पर चीनी सरकार की स्थिति सुसंगत और स्पष्ट है. उन्होंने कहा, भारत को शिजांग से संबंधित मुद्दों की संवेदनशीलता के बारे में पूरी तरह से जागरूक होनी चाहिए, 14वें दलाई लामा की चीन-विरोधी और अलगाववादी प्रकृति को स्पष्ट रूप से देखना चाहिए. विवेकपूर्ण तरीके से कार्य करना चाहिए और उन मुद्दों का उपयोग चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने के लिए बंद करना चाहिए.

Today In JP Cinema, Chhatarpur (M.P.)