logo

ख़ास ख़बर
दिल्लीगणेशोत्सव करीब, लेकिन बारिश ने रोकी रफ्तार – कारीगरों की मुश्किलें बढ़ीं, मूर्तियां अधूरी

ADVERTISEMENT

गणेशोत्सव करीब, लेकिन बारिश ने रोकी रफ्तार – कारीगरों की मुश्किलें बढ़ीं, मूर्तियां अधूरी

Post Media
News Logo
Unknown Author
22 अगस्त 2025, 10:24 am IST
Share on FacebookShare on WhatsAppShare on Twitter/X
Copy Link

Advertisement

नई दिल्ली: कहीं सड़क किनारे बिना रंग-रोगन के रखीं गणपति बप्पा की मूर्तियां , तो कहीं धूप में सूखती गजानन की प्रतिमाएं और कहीं प्लास्टिक की पॉलिथीन से ढकी गणेश जी की मूर्तियों की कतारें साफ बता रही है कि बीते दिनों लगातार पड़ी बारिश ने गणपति की मूर्तियां बनाने वालों के काम पर कितना असर डाला है। आलम यह है कि गणेश चतुर्थी से कुछ दिनों पहले तक भी मूर्तियों पर काम जारी है। कई मूर्तियां सूखी नहीं, कई पर अभी रंग नहीं दिल्ली में इस बार बारिश काफी ज्यादा हुई है, वहीं इस साल गणेश चतुर्थी भी बीते सालों के मुकाबले जल्दी आ गई है। ऐसे में कारीगरों को बारिश के बाद मूर्तियां बनाने, सुखाने और रंग करने के लिए कम समय मिला है। मयूर विहार फेज 1 में मूर्ति बनाने वाले कारीगर दीपक मंडल बताते हैं कि इस बार हुई लगातार बारिश ने उनका काम चौपट कर दिया। कई मूर्तियां ठीक से सूखी नहीं और कुछ खराब हो गई हैं। जगह की कमी और नमी के कारण कई तैयार मूर्तियां भी भीगकर टूट गई। इसलिए इस साल मूर्तियां कम ही तैयार हुई है। बारिश के कारण खराब हो रहा सामान बकौल दीपक, उनके पास इतनी जगह नहीं है कि सभी मूर्तियों को बारिश से बचा सकें। । उधर शाहदरा में सड़क किनारे मूर्ति बेचने वाले विक्रेता लाल सिंह कहते हैं कि मैंने इन मूर्तियों को तैयार करने में लगभग 80 हजार रुपए लगाए हैं। लेकिन बारिश की वजह से करीब 30 हजार का सामान खराब हो गया। इसलिए हमने पिछले साल के मुकाबले लगभग 30 फीसदी मूर्तियां कम तैयार की है। वहीं मूर्तियों का काम करने वाली स्वरूपी बताती है कि बारिश की वजह से लगभग 1 से डेढ़ लाख रुपए का माल खराब हो गया है। ग्राहक कम, मगर दाम ज्यादा कारीगरों का कहना है कि फिलहाल बाजार में ग्राहक कम है लेकिन फिर भी दाम ज्यादा हैं। इसकी वजह वे महंगाई को बताते हैं। स्वरूपी कहती हैं कि कच्चा माल महंगा हुआ है, तो मूर्ति बनाने की लागत भी बढ़ गई है। हमें भी पीछे से बनी बनाई मूर्तियां महंगी मिल रही हैं। पिछले साल जो 2 फुट की मूर्ति हमने 2000 की लाकर 2500-3000 रुपए में बेची थी, वह अब हमें ही 2500 रुपए की मिली है, तो जाहिर है कि उसके दाम भी 3000-4000 तक जाएंगे। महंगी हो सकती हैं मूर्तियां इस साल मूर्तियों के दाम 20 से 30 फीसदी तक बढ़ सकते हैं। दूसरी ओर मूर्ति विक्रेता मुकेश राठौर बताते हैं कि पिछले साल तक जो मूर्ति 3000 रुपए की बिक रही थी, उसके दाम इस साल 4000-4500 रुपए तक होंगे। वहीं सराय रोहिल्ला में मूर्ति विक्रेता आकाश कहते हैं कि महंगाई के चलते दाम बढ़े हैं। वह कहते हैं, पिछले साल तक गणपति की सबसे छोटी मूर्ति हमें 80 रुपए की मिल रही थी, जिसे हम 150 रुपए की बेचते थे। मगर इस साल वह मूर्ति 110 रुपए तक की मिल रही है। हम भी उसे 200 रुपए तक की बेचेंगे। अब 20-20 घंटे करेंगे काम अब चूंकि गणेश चतुर्थी का समय काफी नजदीक है और मूर्तियां अभी पूरी तरह सूखी भी नहीं है। ऐसे में कारीगर दिन-रात जागकर काम करने को तैयार है। मुकेश कहते है, गणेश जी की कई मूर्तियों पर अभी रंग नहीं हुआ है। अब चूंकि कुछ ही दिन बचे है, तो हमें दिन-रात जागकर काम करना होगा। हम दिन में 20-20 घंटे काम करेंगे। वहीं स्वरूपी कहती है, 20 घंटे काम करना पड़े या 24 घंटे, हम मूर्तियो को बेचने की पूरी कोशिश करेंगे। ताकि कम से कम लगात निकल पाए।

Today In JP Cinema, Chhatarpur (M.P.)