logo

ख़ास ख़बर
भोपालग्रामीण नलजल योजनाओं के संचालन-संधारण की नीति टिकाऊ, जनभागीदारी आधारित और दीर्घकालिक प्रभाव वाली हो : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

ADVERTISEMENT

ग्रामीण नलजल योजनाओं के संचालन-संधारण की नीति टिकाऊ, जनभागीदारी आधारित और दीर्घकालिक प्रभाव वाली हो : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

Post Media
News Logo
Peptech Time, Chhatarpur
21 अगस्त 2025, 05:15 pm IST
Share on FacebookShare on WhatsAppShare on Twitter/X
Copy Link

Advertisement

भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार की प्रतिबद्धता केवल हर घर तक नल से जल पहुँचाने की ही नहीं बल्कि यह सुनिश्चित करना भी है कि पेयजल सुविधा आने वाले वर्षों तक सतत और गुणवत्तापूर्ण रूप में उपलब्ध हो। उन्होंने कहा कि ग्रामीण नलजल योजनाओं के संचालन और संधारण की नीति को इस प्रकार तैयार किया जाय, जिससे हर गांव में स्वच्छ पेयजल की स्थायी व्यवस्था बने और किसी भी परिवार को पानी के लिए कठिनाई न उठानी पड़े। मुख्यमंत्री डॉ. यादव गुरूवार को मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन में ग्रामीण नल-जल प्रदाय योजनाओं के संचालन एवं संधारण नीति के प्रारूप पर हुई बैठक में यह बात कही। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इन योजनाओं को निर्माण कार्य तक ही सीमित न रखकर संचालन और रखरखाव की ऐसी स्थायी व्यवस्था विकसित की जाए, जिससे आने वाले वर्षों में भी योजनाएँ पूरी क्षमता से कार्य करती रहें। उन्होंने यह भी कहा कि ग्राम स्तर पर सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा दिया जाए, जिससे ग्रामीण अपने स्तर पर भी योजनाओं की देखरेख कर सकें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में प्रारंभ किए गए जल जीवन मिशन ने ग्रामीण भारत की तस्वीर बदल दी है। मध्यप्रदेश ने इस दिशा में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। बैठक में निर्णय लिया गया कि लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा तैयार किये गये ग्रामीण नलजल योजना संचालन, संधारण एवं प्रबंधन नीति को सक्षम स्वीकृति उपरांत 03 वर्षों के लिये लागू किया जाये। इस नीति के लागू होने से समूह जलप्रदाय योजनाओं की भांति एकल ग्राम नलजल योजनाओं का सुचारू एवं दीर्घकालिक संचालन हो सकेगा। इस नीति के अनुसार ग्रामीण नलजल योजनाओं का संचालन, संधारण एवं प्रबंधन सुनिश्चित किया जायेगा। प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी पी. नरहरि ने बताया कि प्रदेश में अगस्त 2019 तक जहाँ केवल 12.11 प्रतिशत अंतर्गत 13 लाख 53 हजार ग्रामीण परिवारों को ही नल से जल मिल रहा था, वहीं अब यह संख्या बढ़कर 78 लाख 64 हजार से अधिक हो गई है। इस प्रकार 70.41 प्रतिशत ग्रामीण परिवार नल से जल सुविधा से जुड़ चुके हैं। कुल 1 करोड़ 11 लाख 69 हजार परिवारों को नल से जल उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। जल जीवन मिशन का कार्य वर्ष 2027 तक पूर्ण कर लिया जायेगा। समूह नलजल की 147 इसी प्रकार कुल योजनाओं में से अब तक 52 योजनाएँ पूर्ण की जा चुकी हैं जिनसे 4 हजार 285 ग्रामों में जलापूर्ति की जा रही है। शेष 95 योजनाएँ प्रगति पर हैं। प्रमुख सचिव नरहरि द्वारा प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों में क्रियान्वित हो रही नलजल योजनाओं के दीर्घकालिक एवं प्रभावी संचालन हेतु विभाग द्वारा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग सहित विभिन्न स्तरों पर विचार विमर्श उपरांत तैयार की गई ग्रामीण नलजल योजना संचालन-संधारण एवं प्रबंधन नीति की विस्तार से जानकारी दी गई। इस नीति के प्रावधानों के अनुसार ग्रामीण नलजल योजना का संचालन पूर्व की भांति संबंधित ग्राम पंचायत के द्वारा किये जाने तथा ग्राम पंचायतों को योजना के संचालन में सहयोग देने हेतु तथा योजना संचालन की व्यवस्था को सदृढ करने के उददेश्य से योजना के संधारण से संबंधित कार्य लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के द्वारा अनुबंधित एजेंसी के माध्यम से किये जाने की जानकारी दी गई। बैठक में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल तथा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री सम्पतिया उइके, मुख्य सचिव अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय नीरज मंडलोई, अपर मुख्य सचिव, वित्त मनीष रस्तोगी, प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास दीपाली रस्तोगी, प्रबंध संचालक जल निगम के. वी.एस. चौधरी कोलसानी भी उपस्थित थे।

Today In JP Cinema, Chhatarpur (M.P.)