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महाराष्ट्रलोकल बॉडी चुनाव से पहले एकनाथ शिंदे का ठाणे मास्टरस्ट्रोक, 799 करोड़ का दंड माफ

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लोकल बॉडी चुनाव से पहले एकनाथ शिंदे का ठाणे मास्टरस्ट्रोक, 799 करोड़ का दंड माफ

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Peptech Time, Chhatarpur
14 अगस्त 2025, 08:49 am IST
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मुंबई/ठाणे: महाराष्ट्र केउप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपने गढ़ ठाणे में चुनावों से पहले बड़ा दांव चल दिया है। शिंदे के अगुवाई वाली नगर विकास विभाग (UDD) ने ठाणे महानगरपालिका क्षेत्र में अवैध निर्माणों पर लगाये गए दंड को माफ करने का फैसला किया है। यह राशि 799 करोड़ रुपये बनती है। अवैध निर्माण पर दंड को चुनावी मास्टरस्ट्रोक के तौर पर देखा जा रहा है। नगर विकास विभाग ने पिछले दिनों इस संबंध में एक सरकारी निर्णय जारी किया है। ठाणे महानगरपालिका ने शहरी क्षेत्र अवैध निर्माणों पर दंड लगाया था। शिंदे की अगुवाई वाली नगर विकास विभाग के फैसले का फायदा लगभग 1 लाख 54 हजार अवैध निर्माणों को मिलेगा। शिंदे की बड़ी चुनावी चाल राजनीतिक प्रेक्षक लोकल बॉडी चुनावों से पहले इस फैसले को एकनाथ शिंदे ने बड़ी चाल के तौर पर देख रहे हैं। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ही ठाणे जिले के पालक मंत्री हैं। नगर विकास मंत्रालय भी शिंदे के अधीन है। उन्होंने वोटरों को लुभाने के लिए करोड़ों रुपये जुर्माना माफ करने का निर्णय लिया गया है। गौरतलब हो कि ठाणे महानगरपालिका क्षेत्र में अवैध निर्माण पर लगाया गया दंड आमतौर पर 2009 से बकाया था। इससे पहले राज्य सरकार ने पुणे जिले की पिंपरी-चिंचवड़ मनपा की तर्ज पर ठाणे मनपा क्षेत्र में भी दंड माफ करने का फैसला मानसून सत्र के दौरान हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया था। सरकार के फैसले के अनुसार, महाराष्ट्र नगरपालिका अधिनियम, 1942 की धारा 267 ए के तहत ठाणे मनपा क्षेत्र में 31 मार्च 2025 तक लगाया गया दंड माफ कर दिया जाएगा। क्या है सरकार का फैसला? सरकार ने इसके लिए नियम और शर्तें तय की हैं। अवैध निर्माण वाले संपत्ति मालिकों को मूल कर का भुगतान करना होगा। तभी बकाया दंड माफ किया जाएगा। अवैध निर्माण का दंड माफ करने का मतलब यह नहीं है कि निर्माण नियमित हो गया है। आदेश में कहा गया है कि महानगरपालिका जुर्माना माफ करने के लिए सरकार से किसी भी प्रकार की वित्तीय सहायता या मुआवजे की मांग नहीं कर सकती है। इस मुद्दे पर उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना (यूबीटी) ने निशाना साधा है। पार्टी ने कहा है कि महानगरपालिका तिजोरी खाली है। केवल कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए दंड माफी का फैसला लिया गया है। इससे आम लोगों को फायदा नहीं होगा। क्या टिक पाएगा यह फैसला? यह फैसला ऐसे समय में आया है जब बॉम्बे हाईकोर्ट ठाणे जिले और मुंबई में बड़े पैमाने पर अवैध निर्माणों के मामलों की सुनवाई कर रहा है। राज्य को अदालतों में ऐसे निर्माणों का बचाव करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है। अधिकारियों ने कहा कि संपत्ति मालिक माफ़ी की उम्मीद में अवैध निर्माणों के लिए जुर्माना देने से बच रहे थे। परिणामस्वरूप, मूल जुर्माना राशि की वसूली केवल 145 करोड़ रुपये ही हुई। राज्य का मानना है कि माफ़ी से कम से कम इस मूल जुर्माना राशि के भुगतान को प्रोत्साहन मिलेगा।

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