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व्यापार समाचारराष्ट्रपति ट्रंप दुनिया के 182 देशों से वसूल रहे मनमाना रेसिप्रोकल टैरिफ, अमेरिकी वित्त मंत्री ने खोल दी सरकार के प्लान की पोल.

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राष्ट्रपति ट्रंप दुनिया के 182 देशों से वसूल रहे मनमाना रेसिप्रोकल टैरिफ, अमेरिकी वित्त मंत्री ने खोल दी सरकार के प्लान की पोल.

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nii

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Unknown Author
9 सितंबर 2025, 12:09 pm IST
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नई दिल्ली। टैरिफ के मुद्दे पर दुनिया की कई दिग्गज अर्थव्यवस्थाओं से पंगा ले रही ट्रंप सरकार को जल्द ही अरबों डॉलर वापस करने पड़ सकते हैं। ये सब अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर निर्भर करता है। अमेरिका के वित्त मंत्री स्कॉट बेसेन्ट ने चेतावनी दी है कि यदि अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट फैसला देता है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने व्यापक आयात शुल्क लगाने में अपने अधिकार का अतिक्रमण किया है तो संयुक्त राज्य अमेरिका को टैरिफ से हुई अरबों डॉलर की कमाई को वापस करने के लिए बाध्य होना पड़ सकता है।
वित्त मंत्री स्कॉट बेसेन्ट से सुप्रीम कोर्ट में टैरिफ मामले के बारे में पूछा गया और पूछा गया कि क्या होगा यदि सर्वोच्च न्यायालय 29 अगस्त के फेडरल कोर्ट के फैसले को बरकरार रखता है तो क्या होगा? बता दें कि फेडरल कोर्ट ने कहा था कि ट्रंप द्वारा रेसिप्रोकल टैरिफ लगाना राष्ट्रपति के अधिकार का उल्लंघन है। स्कॉट बेसेन्ट ने कहा कि हमें लगभग आधे टैरिफ पर रिफंड देना होगा, जो राजकोष के लिए भयानक होगा। अगर अदालत कहती है, तो हमें यह करना होगा। इसका मतलब है कि अगर अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ट्रंप के टैरिफ लगाने के अधिकार को अवैध भी ठहरा देती है तो भी अमेरिकी सरकार कई देशों का आधा टैरिफ हड़पने के इरादे से तैयार बैठी है।


सिर्फ अगस्त में टैरिफ से 31 अरब डॉलर कमाए
बता दें कि ट्रंप की आक्रामक व्यापार नीतियों ने 180 से अधिक देशों पर 10 प्रतिशत से 50 प्रतिशत तक के टैरिफ लागू किए, जिसमें भारत, चीन, कनाडा, और ब्राजील जैसे देश शामिल हैं। भारत तो ऐसा देश है जिस पर ट्रंप ने 50 फीसदी टैरिफ लागू किया है। एक रिपोर्ट के अनुसार ट्रंप सरकार ने सिर्फ अगस्त में टैरिफ से 31 अरब डॉलर कमाए हैं। भारत पर 7 अगस्त 2025 से 25 प्रतिशत और 27 अगस्त 2025 से 50 प्रतिशत टैरिफ लागू हो गया है। ट्रंप प्रशासन ने 4 सितंबर 2025 को सुप्रीम कोर्ट में एक अपील दायर की थी। इसमें आपातकालीन आर्थिक शक्तियों के कानून के तहत लगाए गए टैरिफ को वैध ठहराने की मांग की गई। सॉलिसिटर जनरल डी जॉन सॉयर ने कोर्ट से अनुरोध किया कि इस मामले की सुनवाई नवंबर 2025 के पहले सप्ताह में शुरू हो।  हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने अभी तक सुनवाई की अंतिम तारीख की पुष्टि नहीं की है।



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