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धर्म-कर्म-आस्थारविवार को जपें सूर्य देव के 108 नाम, बढ़ेगा धन-धान्य, नौकरी में होगी तरक्की, पिता से संबंध होंगे मजबूत

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रविवार को जपें सूर्य देव के 108 नाम, बढ़ेगा धन-धान्य, नौकरी में होगी तरक्की, पिता से संबंध होंगे मजबूत

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Peptech Time, Chhatarpur
17 अगस्त 2025, 01:00 am IST
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ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को ग्रहों का राजा कहा गया है. सूर्य के शुभ प्रभाव से व्यक्ति को अच्छा पद, यश, जॉब, धन, धान्य आदि की प्राप्ति होती है. पिता का सहयोग भी मिलता है. लेकिन जब सूर्य खराब होता है तो उसके नकारात्मक प्रभाव व्यक्ति के जीवन में दिखाई देने लगते हैं. नौकरी नहीं मिलती है, या नौकरी में काफी मेहनत के बाद भी तरक्की नहीं होती है. पिता से संबंध खराब होते हैं. पिता का कोई सहयोग प्राप्त नहीं होता है. यदि आपकी कुंडली में सूर्य दोष है, या सूर्य कमजोर है तो आपको एक उपाय करना चाहिए. हर रविवार के दिन सूर्य देव की पूजा करें, उनको जल से अर्घ्य दें. उसके बाद सूर्य देव के 108 नाम का जाप करें. आइए जानते हैं सूर्य देव के 108 नामों के बारे में. सूर्य देव के 108 नाम ओम सूर्याय नमः ओम श्रीमते नमः ओम नारायणाय नमः ओम नित्यानन्दाय नमः ओम दीप्तमूर्तये नमः ओम सौख्यप्रदाय नमः ओम श्रेयसे नमः ओम निखिलागमवेद्याय नमः ओम शरण्याय नमः ओम अरुणाय नमः ओम भास्कराय नमः ओम अहस्कराय नमः ओम परस्मै ज्योतिषे नमः ओम सौख्यदायिने नमः ओम सम्पत्कराय नमः ओम तेजोरूपाय नमः ओम ग्रहाणांपतये नमः ओम अमरेशाय नमः ओम परेशाय नमः ओम कवये नमः ओम हिरण्यगर्भाय नमः ओम सकलजगतांपतये नमः ओम अं सुप्रसन्नाय नमः ओम ऐं इष्टार्थदाय नमः ओम करुणारससिन्धवे नमः ओम आदिमध्यान्तरहिताय नमः ओम तरुणाय नमः ओम अच्युताय नमः ओम आत्मरूपिणे नमः ओम अचिन्त्याय नमः ओम जगदानन्दहेतवे नमः ओम जयिने नमः ओम दशदिक्संप्रकाशाय नमः ओम अन्तर्बहिः प्रकाशाय नमः ओम अब्जवल्लभाय नमः ओम आर्तरक्षकाय नमः ओम असमानबलाय नमः ओम कमनीयकराय नमः ओम असुरारये नमः ओम उच्चस्थान समारूढरथस्थाय नमः ओम ओजस्कराय नमः ओम भक्तवश्याय नमः ओम जन्ममृत्युजराव्याधिवर्जिताय नमः ओम शौरये नमः ओम हरिदश्वाय नमः ओम लूनिताखिलदैत्याय नमः ओम खद्योताय नमः ओम शर्वाय नमः ओम ऐश्वर्यदाय नमः ओम ब्रह्मणे नमः ओम बृहते नमः ओम घृणिभृते नमः ओम सत्यानन्दस्वरूपिणे नमः ओम कनत्कनकभूषाय नमः ओम घनाय नमः ओम गुणात्मने नमः ओम सृष्टिस्थित्यन्तकारिणे नमः ओम भगवते नमः ओम एकाकिने नमः ओम आर्तशरण्याय नमः ओम अपवर्गप्रदाय नमः ओम कान्तिदाय नमः ओम शान्ताय नमः ओम लुप्तदन्ताय नमः ओम हृषीकेशाय नमः ओम उद्यत्किरणजालाय नमः ओम पुष्कराक्षाय नमः ओम ऋक्षाधिनाथमित्राय नमः ओम उज्ज्वलतेजसे नमः ओम ऋकारमातृकावर्णरूपाय नमः ओम नित्यस्तुत्याय नमः ओम ऋजुस्वभावचित्ताय नमः ओम ऋक्षचक्रचराय नमः ओम रुग्घन्त्रे नमः ओम ऋषिवन्द्याय नमः ओम वसवे नमः ओम वसुप्रदाय नमः ओम सुवर्चसे नमः ओम सुशीलाय नमः ओम सुप्रसन्नाय नमः ओम ऊरुद्वयाभावरूपयुक्तसारथये नमः ओम जयाय नमः ओम निर्जराय नमः ओम वीराय नमः ओम ऊर्जस्वलाय नमः ओम विवस्वते नमः ओम ऊर्ध्वगाय नमः ओम उग्ररूपाय नमः ओम उज्ज्वल नमः ओम वासुदेवाय नमः ओम ईशाय नमः ओम वन्दनीयाय नमः ओम इन्दिरामन्दिराप्ताय नमः ओम अच्युताय नमः ओम अखिलागमवेदिने नमः ओम आदिभूताय नमः ओम आदित्याय नमः ओम भानवे नमः ओम इन्द्राय नमः ओम इज्याय नमः ओम विश्वरूपाय नमः ओम इनाय नमः ओम अनन्ताय नमः ओम अखिलज्ञाय नमः ओम वरेण्याय नमः ओम परमात्मने नमः ओम हरये नमः ओम रवये नमः

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