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देशसुप्रीम कोर्ट का आदेश, पेरियासामी के खिलाफ विशेष अदालत की कार्यवाही पर रोक

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सुप्रीम कोर्ट का आदेश, पेरियासामी के खिलाफ विशेष अदालत की कार्यवाही पर रोक

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Unknown Author
20 अगस्त 2025, 09:50 am IST
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नई दिल्ली : आय से अधिक संपत्ति मामले में फंसे तमिलनाडु के मंत्री आई पेरियासामी को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी। सुप्रीम कोर्ट ने मंत्री और उनके परिवार के खिलाफ विशेष अदालत में चल रही कार्यवाही पर रोक लगा दी है। न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति एजी मसीह की पीठ ने 18 अगस्त को इस मामले में नोटिस भी जारी किया है।पीठ ने कहा कि डिंडीगुल में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम मामलों के लिए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सह विशेष न्यायाधीश के समक्ष लंबित कार्यवाही पर रोक रहेगी। शीर्ष अदालत ने पेरियासामी की अपील पर आदेश पारित किया। पेरियासमी ने 28 अप्रैल के मद्रास उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी थी। मद्रास हाईकोर्ट ने सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय (डीवीएसी) द्वारा दायर याचिकाओं पर विशेष अदालत को उनके और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ आरोप तय करने का निर्देश दिया था। पेरियासामी पर आरोप है कि उन्होंने 2006 से 2010 के बीच मंत्री रहते हुए अपने और अपनी पत्नी पी सुशीला तथा पुत्रों पी सेंतिलकुमार और पी प्रभु के नाम पर 2.1 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित की थी, जो उनकी आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक थी। डीवीएसी ने उनको आरोपमुक्त किये जाने को चुनौती दी और 2018 में उच्च न्यायालय के समक्ष अपील दायर की। पेरियासामी वर्तमान डीएमके सरकार में ग्रामीण विकास, पंचायत और पंचायत संघ विभाग संभाल रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने दो अतिरिक्त हाईकोर्ट जजों को स्थायी करने को मंजूरी दी सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने गौहाटी उच्च न्यायालय में दो अतिरिक्त न्यायाधीशों को स्थायी न्यायाधीश नियुक्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम की बैठक 19 अगस्त को हुई। सुप्रीम कोर्ट से जारी सूचना में कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 19 अगस्त, 2025 को हुई बैठक में गौहाटी उच्च न्यायालय में स्थायी न्यायाधीश के रूप में निम्नलिखित अतिरिक्त न्यायाधीशों की नियुक्ति के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसमें न्यायमूर्ति बुदी हाबुंग और न्यायमूर्ति एन उन्नी कृष्णन नायर (एसआईसी) शामिल हैं। कॉलेजियम ने अतिरिक्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति कौशिक गोस्वामी को 10 नवंबर से एक वर्ष के नए कार्यकाल के लिए उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने की भी सिफारिश की।

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