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राजनीतिउपराष्ट्रपति चुनाव में इंडिया ब्लॉक का दांव: बी सुदर्शन को बनाया उम्मीदवार

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उपराष्ट्रपति चुनाव में इंडिया ब्लॉक का दांव: बी सुदर्शन को बनाया उम्मीदवार

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Unknown Author
20 अगस्त 2025, 01:30 pm IST
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नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति चुनाव की घोषणा के बाद सियासी माहौल गरमा गया है। सत्ताधारी एनडीए ने तमिलनाडु के सीपी राधाकृष्णन को अपना उम्मीदवार बनाकर मैदान में उतारा है, जबकि विपक्षी इंडिया ब्लॉक ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बी सुदर्शन रेड्डी को संयुक्त उम्मीदवार बनाकर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है। विपक्ष ने इसे विचारधारा की लड़ाई बताया है और सुदर्शन रेड्डी को सामाजिक न्याय का चेहरा पेश करने की कवायद शुरू कर दी है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बी. सुदर्शन रेड्डी तेलंगाना के रंगारेड्डी जिले से ताल्लुक रखते हैं और कभी किसी राजनीतिक दल से नहीं जुड़े हुए हैं। यही वजह है कि कांग्रेस, टीएमसी, डीएमके, समाजवादी पार्टी, एनसीपी और आम आदमी पार्टी समेत इंडिया ब्लॉक उनके साथ खड़ा है। 2022 में वोटिंग से दूरी बनाने वाली ममता बनर्जी की पार्टी भी इस बार पूरी मजबूती के साथ विपक्षी उम्मीदवार के समर्थन में है। आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि यह चुनाव केवल उपराष्ट्रपति पद तक सीमित नहीं है, बल्कि यह संविधान बनाम आरएसएस की लड़ाई है। एनडीए के पास संख्याबल ज्यादा है, लेकिन विपक्ष ने जिस तरह गैर-राजनीतिक चेहरा उतारा है, उसने कई दलों को धर्मसंकट में डाल दिया है। आंध्र प्रदेश में सत्ता पर काबिज चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी और जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस के सामने मुश्किल खड़ी हो गई है, क्योंकि सुदर्शन रेड्डी का संबंध तेलुगू क्षेत्र से है। तेलंगाना की बीआरएस भी कशमकश में है। पार्टी ने सरकार का कई बार समर्थन किया है, लेकिन विपक्षी उम्मीदवार के स्थानीय होने से उस पर दबाव बढ़ा है। वहीं, बीजेडी ने अभी पत्ते नहीं खोले, लेकिन 2024 के बाद से बीजेपी से उसकी दूरी बढ़ गई है। लोकसभा और राज्यसभा को मिलाकर कुल 782 सांसद उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान करेंगे। जीत के लिए 392 वोट चाहिए। फिलहाल एनडीए के पास करीब 418 सांसदों का समर्थन है, यानी जरुरी संख्या से 26 वोट ज्यादा। हालांकि, वाईएसआर कांग्रेस (7 सांसद), बीआरएस (4 सांसद), बीजेडी (12 सांसद) और कुछ निर्दलीय दलों की भूमिका निर्णायक मानी जा रही है। बता दें 2022 में एनडीए उम्मीदवार जगदीप धनखड़ को 528 वोट मिले थे, जबकि विपक्ष की मार्गरेट अल्वा को केवल 182 वोट ही मिले थे, लेकिन मौजूदा चुनाव में विपक्ष की स्थिति पहले से कहीं ज्यादा मजबूत है और गैर-राजनीतिक चेहरे ने मुकाबले को और भी रोचक बना दिया है। एनडीए अपने उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन के जरिए दक्षिण भारत, खासकर तमिलनाडु में पैठ जमाने की कोशिश कर रहा है। वहीं, विपक्ष सुदर्शन रेड्डी को उतारकर न सिर्फ तेलंगाना-आंध्र की राजनीति साधना चाहता है, बल्कि यह संदेश भी देना चाहता है कि यह चुनाव विचारधारा और सामाजिक न्याय की जंग है। अब सबकी नजर इस पर है कि सहयोगी और तटस्थ दल किस तरफ झुकते हैं। क्या वे एनडीए की मजबूती को और बढ़ाएंगे या विपक्ष के सुदर्शन चक्र में फंसकर पाला बदल लेंगे?

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