logo

ख़ास ख़बर
आगरा-मथुरा-गाजियाबादयमुना का जलस्तर बढ़ा, निचले इलाकों में घुसा पानी, ग्रामीणों में खौफ

ADVERTISEMENT

यमुना का जलस्तर बढ़ा, निचले इलाकों में घुसा पानी, ग्रामीणों में खौफ

Post Media
News Logo
Peptech Time, Chhatarpur
18 अगस्त 2025, 07:56 am IST
Share on FacebookShare on WhatsAppShare on Twitter/X
Copy Link

Advertisement

सहारनपुर : पहाड़ी और मैदानी इलाकों में हो रही बरसात के कारण यमुना नदी में जलस्तर बढ़ गया है। जल स्तर बढ़ने से नदी किनारे बसे गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। क्षेत्र के ग्राम चोरी मंडी, भीक्खनपुर, कलरी, इब्राहिमी, सकरूल्लापुर आदि में यमुना का पानी घुस आया है। उफान पर होने के कारण यमुना का पानी गांवों के पुराने प्राकृतिक स्रोतों के सहारे खेतों में घुस गया, जिससे धान और गन्ने की फसल जलमग्न हो गई। इब्राहिमी गांव में तो यह स्थिति बनी कि धान की बाली तक पानी में डूब गई। किसान अजय धीमान, विकी, जगतार सिंह आदि ने बताया कि सैकड़ों बीघा फसल पानी में डूबी हुई है। यदि पानी उतर भी जाता है तो धान खराब हो जाएगा। अधिक पानी के कारण काला पड़ जाएगा। जिससे उन्हें भारी आर्थिक नुकसान होगा। बता दें कि सरसावा क्षेत्र तीन बार बाढ़ जैसी विभीषिका झेल चुका है। सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार सबसे पहले साल 1978 में यमुना में पानी इतना बढ़ गया था कि सरसावा से मात्र 1 किलोमीटर पहले प्राकृतिक पानी निकासी स्रोत खाल़ा में यमुना का पानी आ गया था। इसके बाद साल 2008 में भी बाढ़ जैसी हालत बन गए थे। वहीं जब साल 2013 में केदारनाथ त्रासदी हुई थी, उस समय तो यमुना नदी अपने पुराने जलस्तर के रिकॉर्ड को ध्वस्त करते हुए खतरे के निशान से भी ऊपर चली गई थी। यमुना नदी के तटवर्ती दर्जनभर से भी अधिक गांवों में बाढ़ जैसे हालात बन गए थे। स्थिति यहां तक आई गई कि सरसावा से हरियाणा की ओर जाने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग दो दिन तक पानी में डूबा रहा था। यमुना नदी में जलस्तर बढ़ने से लोगों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं।

Today In JP Cinema, Chhatarpur (M.P.)